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भारत ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया तीसरी पीढ़ी की Anti-Tank Missile ‘Nag Mk-2’

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‘Nag Mk-2’ के सफल परीक्षण ने बढ़ाई भारतीय सेना की ताकत

भारत ने सोमवार को स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘Nag Mark 2’ (Nag Mk-2) का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह एक ‘Anti-Tank Fire-and-Forget Guided Missile’ है, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।

Pokhran Field Range में हुए इन परीक्षणों का आयोजन Defence Research and Development Organisation (DRDO) ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया। परीक्षण के दौरान, Nag Mk-2 मिसाइल ने अपने अधिकतम और न्यूनतम रेंज पर लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करके अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।

NAMICA Version 2 का भी हुआ सफल परीक्षण

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरान ‘Nag Missile Carrier’ (NAMICA Version 2) का भी मूल्यांकन किया गया। इन सफल परीक्षणों के साथ, यह संपूर्ण हथियार प्रणाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है।

आधुनिक युद्धक्षेत्र के लिए डिजाइन

India Today की रिपोर्ट के अनुसार, DRDO द्वारा विकसित Nag Mk-2 मिसाइल आधुनिक बख्तरबंद खतरों से निपटने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है। इसकी ‘fire-and-forget’ तकनीक लॉन्च से पहले लक्ष्यों को लॉक करने की सुविधा देती है, जिससे यह जटिल युद्धक्षेत्र में भी सटीक प्रहार सुनिश्चित करती है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षणों के लिए DRDO, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी। मंत्रालय ने बताया कि NAMICA Version 2 के फील्ड परीक्षण भी सफल रहे, जो इस पूरी हथियार प्रणाली को ऑपरेशनल बनाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

मुख्य विशेषताएं

  • Fire-and-Forget Technology: लॉन्च के बाद न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ सटीक प्रहार।
  • Explosive Reactive Armour (ERA) से लैस आधुनिक बख्तरबंद वाहनों को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय करने की क्षमता।
  • NAMICA के साथ एकीकृत, जो युद्धक्षेत्र में बेहतर गतिशीलता और तैनाती की सुविधा प्रदान करता है।

Samir V. Kamat, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और DRDO के चेयरमैन ने इस मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल करने के लिए की गई मेहनत की सराहना की।

पिछले वर्ष का प्रमुख परीक्षण

पिछले साल भारत ने Intermediate Range Ballistic Missile, Agni-4 का भी सफल परीक्षण किया था। यह लॉन्च Integrated Test Range, Chandipur, Odisha से किया गया और सभी तकनीकी और परिचालन मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह परीक्षण Strategic Forces Command के तहत आयोजित किया गया था।

भारत के ये लगातार सफल परीक्षण देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत बनाते हैं। इससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन और अनुसंधान के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया जा रहा है।

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