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Border film की असली कहानी: Longewala का युद्ध

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क्या आपको 1997 में आई film Border याद है? 

वो फिल्म जिसने हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना जगा दी। Sunny Deol का Major Kuldeep Singh Chandpuri बनकर दुश्मन को ललकारना, Jackie Shroff का Airforce commander बनकर दुश्मन के टैंकों पर हमला करना, और Suniel Shetty का सीमा पर बलिदान देना ये सब एक फिल्मी कहानी लगती है।

लेकिन असल में ये कहानी 1971 के Battle of Longewala की सच्ची घटना है। ये वही लड़ाई है जहां 120 भारतीय सैनिकों ने 2,000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों और 30 से ज्यादा टैंकों का सामना किया और एक गौरवशाली जीत दर्ज की।

Longewala Post पर खड़ा हुआ साहस

Longewala Post राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित थी। यहां सिर्फ 120 भारतीय जवान तैनात थे, जिनकी कमान Major Kuldeep Singh Chandpuri के हाथों में थी। दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने 2,000–3,000 सैनिकों और 30–40 टैंकों के साथ हमला करने की योजना बनाई थी।

Major Chandpuri के पास दो विकल्प थे, या तो post छोड़कर सुरक्षित जगह पर चले जाएं, या वहीं डटे रहें और लड़ाई करें। उन्होंने अपने जवानों से कहा, "हम यहीं लड़ेंगे और अपनी post को बचाएंगे!"

पाकिस्तानी सेना ने कई बड़ी गलतियां कीं:

  • इलाके का ठीक से reconnaissance नहीं किया।
  • भारतीय वायुसेना की ताकत को नजरअंदाज किया।
  • रेगिस्तान की नरम रेत में भारी टैंकों के साथ हमला किया।

इन गलतियों ने भारतीय सेना के लिए हालात आसान बना दिए। दूसरी तरफ, Major Chandpuri ने अपने post को इतनी कुशलता से तैयार किया कि दुश्मन की बड़ी ताकत भी उसे हिला नहीं सकी।

रातभर का संघर्ष

रात के अंधेरे में दुश्मन के टैंकों की आवाज सुनते ही Major Chandpuri ने अपने जवानों को तैयार कर लिया। उनके पास सीमित संसाधन थे, Jonga-mounted recoilless rifles, motor और medium machine gun।

भारतीय जवानों ने दुश्मन के टैंकों पर सटीक निशाना साधा। दुश्मन के टैंकों में लगी fuel tanks में आग लगाई, जिससे रोशनी हुई और भारतीय जवानों को बेहतर निशाना लगाने में मदद मिली।

सुबह का निर्णायक पल

सुबह होते ही Indian Airforce मैदान में उतरी। Hawker Hunter और HAL Marut लड़ाकू विमानों ने दुश्मन के टैंकों और वाहनों पर हमला किया। खुले रेगिस्तान में दुश्मन के लिए कोई कवर नहीं था, और भारतीय वायुसेना ने उनके 36 टैंकों को नष्ट कर दिया।

दुश्मन पूरी तरह से परास्त हो गया। भारतीय सेना और वायुसेना के तालमेल ने इस लड़ाई को भारत के पक्ष में निर्णायक बना दिया।

जीत का जश्न और वीरता का सम्मान

इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय सेना का मनोबल और देश का आत्मविश्वास बढ़ा दिया। Major Kuldeep Singh Chandpuri को Maha Vir Chakra से सम्मानित किया गया। उनके साथियों को भी कई वीरता पुरस्कार मिले।

"Border" और असली कहानी का जादू

Border film ने इस वीरता की कहानी को हर घर तक पहुंचाया। हालांकि film में कई घटनाओं को नाटकीय बनाया गया, लेकिन असल जिंदगी में Battle of Longewala इससे कहीं ज्यादा प्रेरणादायक थी।

यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर साहस और रणनीति सही हो, तो बड़ी से बड़ी चुनौती को हराया जा सकता है। Battle of Longewala हमेशा भारतीय सेना के अदम्य साहस और देशभक्ति की मिसाल रहेगा।

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