logo
search_icon

क्या पुलिस एक Serving Soldier को Arrest कर सकती है? Jaipur Incident

3421 Views

हाल ही में Jaipur में एक सेना के जवान के साथ हुई घटना ने सभी का ध्यान खींचा। थाने में सेना के जवान की निर्वस्त्र करके पिटाई के मामले में Jaipur पुलिस के सब इंस्पेक्टर सहित चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। 

यह कार्रवाई तब हुई जब मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाए। Jaipur के पुलिस कमिश्नर ने पुलिस थाने में सेना के जवान से मारपीट के आरोपों की जांच के आदेश दिए। मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ACP से भी नाराजगी जताई थी।

इस घटना ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुलिस के पास डिफेंस पर्सनल को गिरफ्तार करने का अधिकार है? और अगर है, तो किन परिस्थितियों में?

क्या पुलिस सेना के जवानों को गिरफ्तार कर सकती है?

Police officers का मुख्य काम society को सुरक्षित बनाना होता है, लेकिन जब खुद सेना के जवान किसी समस्या में शामिल हों, तो क्या पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है? ये सवाल कई लोगों के मन में उठता है। इसका जवाब है, "हां" और "नहीं", दोनों। Section 45 of the Indian Criminal Procedure Code (CrPC), 1973 के अनुसार, Civil Police सेना के जवानों या अफसरों (Army, Air Force, और Navy) को, जब वे ड्यूटी पर हों, बिना Central Government की अनुमति के arrest नहीं कर सकती।

लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि पुलिस कभी भी सेना के कर्मियों को गिरफ्तार नहीं कर सकती। इसके लिए कुछ खास protocols और नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।

पुलिस कब कर सकती है सेना के कर्मियों को गिरफ्तार?

  1. गंभीर अपराधों में संलिप्तता: अगर कोई Defence Personnel rape, murder, kidnapping जैसे गंभीर अपराधों में शामिल होता है, तो पुलिस बिना अनुमति के arrest कर सकती है। ये मामले उनकी ड्यूटी से unrelated होते हैं, इसलिए पुलिस को सीधे कार्रवाई करने का अधिकार होता है।
  2. अन्य मामूली अपराध: अगर सेना का कोई कर्मी किसी और अपराध में शामिल पाया जाता है, तो पुलिस arrest नहीं कर सकती। ऐसे मामलों में पहले Central Government से अनुमति लेना अनिवार्य है।
  3. Arrest की जानकारी देना: अगर पुलिस किसी सेना कर्मी को गिरफ्तार करती है, तो उसे तुरंत पास के Military Station Headquarters को सूचित करना होता है, और सेना के अधिकारी (Station Commander) से अनुमति लेनी होती है। अगर Arrest की अनुमति नहीं दी जाती है, तो सेना का कर्मी Military Police को सौंपा जाता है।
  4. दो घंटे की सीमा: पुलिस सेना के कर्मी को अधिकतम दो घंटे तक अपनी हिरासत में रख सकती है। इसके बाद उसे सेना के अधिकारियों को सूचित करना अनिवार्य है।

सेना के कर्मियों को मिलने वाली विशेष सुरक्षा

Indian Constitution और Code of Criminal Procedure, 1973 में सेना के कर्मियों को कुछ विशेष अधिकार और सुरक्षा प्रदान की गई है। ये अधिकार उनके Arrest और Prosecution से जुड़े होते हैं। आइए, इन खास प्रावधानों पर नज़र डालते हैं:

Section 45 – Arrest में छूट:
इस Section के तहत, सेना के किसी भी कर्मी को उसकी Official Duty के दौरान या Duty से जुड़ी किसी कार्रवाई के लिए Civil Police द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, जब तक कि Central Government की अनुमति न हो। हालांकि, यदि कर्मी किसी अन्य गंभीर अपराध में शामिल हो, तो पुलिस arrest कर सकती है और तुरंत उनके Commanding Officer को सूचित करना होता है।

Section 197(2) – Prosecution से सुरक्षा:
इस Section के अनुसार, कोई भी Prosecution या कानूनी कार्रवाई सेना के कर्मियों के खिलाफ नहीं चलाई जा सकती है, जब तक कि उन्हें Central Government की अनुमति न मिले। यह सुरक्षा उन्हें उनके Official Duty के दौरान प्रदान की जाती है।

Section 475 – Court Martial के लिए डिलीवरी:
इस प्रावधान के तहत, अगर कोई सेना का कर्मी Civil Court में किसी मामले में आरोपी होता है, तो उसे Court Martial में सुनवाई के लिए उसके Commanding Officer को सौंपा जा सकता है। Magistrate को इस Section का पालन करते हुए उस कर्मी को Commanding Officer के पास भेजना होता है।

Court Martial और Civil Judiciary

जब किसी सेना कर्मी पर कोई आरोप लगता है, तो मामला Civil Judiciary और Court Martial के बीच आता है। Court Martial का फैसला अंतिम होता है, और Civil Court के निर्णय पर Court Martial के निर्णय का प्रभाव होता है। Court Martial सेना के नियमों के अनुसार फैसला करता है और Civil Judiciary उसे ध्यान में रखते हुए अपना फैसला सुनाती है।

निष्कर्ष

सामान्यत: Civil Police सेना के जवानों को उनके Official Duties के दौरान arrest नहीं कर सकती। अगर पुलिस को किसी सेना कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करनी हो, तो पहले Central Government से अनुमति लेनी होती है। गंभीर मामलों में पुलिस arrest कर सकती है, लेकिन arrest के तुरंत बाद उन्हें नजदीकी सैन्य हेडक्वार्टर को सूचित करना आवश्यक होता है।

यहां तक कि arrest के बाद भी, पुलिस को Station Commander (Major General या उससे ऊपर के रैंक वाले अधिकारी) से अनुमति लेनी होती है। अगर अनुमति नहीं मिलती, तो आरोपी सेना कर्मी को Military Police को सौंप दिया जाता है।

इस प्रकार के नियम और प्रावधान सेना के जवानों को एक संरचना प्रदान करते हैं, जिससे उनकी ड्यूटी और जिम्मेदारियों का पालन हो सके और उनके अधिकार सुरक्षित रह सकें।

ऐसी और जानकारी के लिए जुड़े रहिए FaujiBeats के साथ।

 

जय हिंद!

आप Faujibeats को Instagram पर भी follow कर सकते हैं – यहाँ click करे।



Disclaimer : Faujibeats एक public information platform है, फौजी परिवार से अनुरोध है कि यहाँ दी गई जानकारी को सिर्फ़ संदर्भ (reference) के रूप में उपयोग करें और जानकारी की पुष्टि करने के लिए सरकार की वेबसाइट को refer करें। Fauji Beats पर जो image उपयोग किए गए हैं, वे असली चित्र नहीं हैं और केवल demonstration के लिए ली गए हैं। आपकी राय और सुधार के लिए हम हमेशा तयार हैं। यदी आपको कुछ भी सुधारने योग्य लगे, तो कृपया alert@faujibeats.com पर लिखें। जय हिंद!

Related Articles

General
Teachers’ Day Special: जब Defence Forces के Ex-officers बने Teachers
5007
4.3
General
Part IX Operation Rhino 1995: एक बहादुर Fauji पिता की कहानी
3976
4
General
Fauji Inbox से निकली कुछ Letters की अनसुनी कहानियाँ
3276
3.9
Disclaimer : Faujibeats एक public information platform है, फौजी परिवार से अनुरोध है कि यहाँ दी गई जानकारी को सिर्फ़ संदर्भ (reference) के रूप में उपयोग करें और जानकारी की पुष्टि करने के लिए सरकार की वेबसाइट को refer करें। Fauji Beats पर जो image उपयोग किए गए हैं, वे असली चित्र नहीं हैं और केवल demonstration के लिए ली गए हैं। आपकी राय और सुधार के लिए हम हमेशा तयार हैं। यदी आपको कुछ भी सुधारने योग्य लगे, तो कृपया alert@faujibeats.com पर लिखें। जय हिंद!