3 दिसंबर 1971 की शाम का वक्त था। हर कोई अपने-अपने काम में व्यस्त था। लेकिन तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह शाम इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली है। अचानक खबर आई Pakistan Air Force (PAF) ने भारत के 11 airbases पर हमला कर दिया है। नाम दिया गया था Operation Chengiz Khan। ये हमला सिर्फ एक हवाई ऑपरेशन नहीं था, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध की शुरुआत थी।
Pakistan का प्लान बहुत बड़ा था। उन्होंने सोचा था कि Indian Air Force (IAF) के forward airbases और radar installations को तबाह कर देंगे। उनके निशाने पर Amritsar, Ambala, Agra, Awantipur, Bikaner, Halwara, Jodhpur, Jaisalmer, Pathankot, Bhuj, Srinagar और Uttarlai के airbases थे।
लेकिन नतीजा? Pakistan ने पूरे जोर-शोर से हमला किया, लेकिन Indian Air Force पहले से तैयार थी। PAF ने Amritsar के runway पर कुछ crater बनाए और एक radar station को नुकसान पहुंचाया, लेकिन इसके आगे वो कुछ भी नहीं कर पाए। यहां तक कि उन्हें अपने चार aircraft भी गंवाने पड़े।
हमले की खबर मिलते ही, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश को radio पर संबोधित किया। उनका संदेश साफ था "ये हमला भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा है। अब वक्त है कि हम मजबूती से जवाब दें।"
और Indian Air Force ने वही किया। उसी रात भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी हमले किए। Indian Air Force ने Sargodha, Mianwali, Rafiqui और Masroor जैसे बड़े Pakistani airbases को निशाना बनाया।
लेकिन इस युद्ध की असल शुरुआत तो महीनों पहले हो चुकी थी। पूर्वी पाकिस्तान (आज का Bangladesh) ने 1971 में पश्चिमी पाकिस्तान से आजादी की मांग की थी। उनके साथ हो रहे अत्याचारों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा, और भारत ने Mukti Bahini को समर्थन देकर उनकी मदद शुरू कर दी।
हालात ऐसे हो गए कि Pakistan को लगने लगा कि भारत खुलकर युद्ध में उतरने वाला है। यही वजह थी कि उन्होंने पहले हमला करके भारत को चौंकाने की कोशिश की।
Pakistan को लगा था कि अगर वो Indian Air Force के airbases पर हमला करेंगे, तो भारत कमजोर पड़ जाएगा। उन्होंने शुक्रवार शाम का वक्त चुना, जब Indian Air Force के कर्मचारी शिफ्ट बदल रहे थे। लेकिन उनकी योजना नाकाम रही।
भारत ने न सिर्फ मजबूती से जवाब दिया, बल्कि Pakistan की योजना को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। Indian Air Force ने पश्चिम में Sargodha और Masroor जैसे बड़े Pakistani airbases पर हमला किया और पूर्व में Tejgaon और Kurmitola को भी निशाना बनाया।
Operation Chengiz Khan पाकिस्तान का भारत को कमजोर करने का प्लान था, लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी नाकामी बन गया। Indian Air Force ने न सिर्फ अपनी ताकत दिखाई, बल्कि युद्ध के पहले ही दिनों में बढ़त हासिल कर ली।
यह वही युद्ध था जिसने Bangladesh को आजादी दिलाई और भारत की ताकत को पूरी दुनिया ने सराहा। यह कहानी हमें सिखाती है कि जब सही रणनीति, मजबूत नेतृत्व और देशभक्ति का साथ हो, तो कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।
1971 का युद्ध सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह भारत के हौसले और जज़्बे का प्रतीक था।
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जय हिंद!
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