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Robotic Mules और Women Agniveers ने 77th Army Day को बनाया खास|

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77वें Army Day पर भारतीय सेना की आधुनिकीकरण और समावेशिता की झलक|

15 जनवरी 2025 को Pune में आयोजित Army Day Parade हर किसी के लिए खास बन गई, जब भारतीय सेना के Robotic Dogs, जिन्हें Robotic mules कहा जाता है, ने Parade में हिस्सा लिया। पहली बार Pune में हुई इस Parade ने आधुनिक तकनीक और सेना की ताकत का नया आयाम पेश किया। Quadrupedal Unmanned Ground Vehicles (Q-UGVs), यानी ये Robotic mules, सेना के आधुनिकीकरण का जीता-जागता उदाहरण बनकर सामने आए।

सोचिए, जब ये Robotic mules सटीकता और परफेक्शन के साथ parade ground पर चले, तो हर किसी की नज़रें इन्हीं पर टिक गईं। यह सिर्फ एक parade नहीं थी, बल्कि भारतीय सेना की नई पीढ़ी की झलक थी, जो न केवल दुश्मन को हराने में सक्षम है, बल्कि तकनीक के जरिए सैनिकों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है।

जब Robotic mules ने किया सबको हैरान

Southern Command Investiture Ceremony में खड़कवासला के BEG & Centre Parade Ground पर इन Robots का प्रदर्शन किया गया। समारोह की अध्यक्षता Southern Command के GOC-in-C Lt. Gen. Dhiraj Seth ने की। AeroArc, जो New Delhi स्थित Arc Ventures (ARCV) की सहायक कंपनी है, ने इस तकनीकी चमत्कार को विकसित किया है।

ये robot सिर्फ parade के लिए नहीं, बल्कि गंभीर परिस्थितियों में भी हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। चाहे bomb disposal हो, perimeter security हो, या intelligence gathering, ये robots हर काम में माहिर हैं। इनकी ताकत और क्षमता देख हर कोई यही सोच रहा था, "भविष्य का युद्ध तो अब तकनीक से ही लड़ा जाएगा।"

Robotic mules की अनोखी विशेषताएं

इन Robotic mules को Multi-Utility Legged Equipment (MULE) भी कहा जाता है। ये न केवल remote control से चल सकते हैं, बल्कि autonomous mode में भी काम कर सकते हैं। इनकी हर विशेषता किसी सुपरहीरो की तरह है:

  • वजन: 51 Kg
  • मैक्सिमम लोड कैपेसिटी: 12 Kg
  • टॉप स्पीड: 3 मीटर प्रति सेकंड
  • बैटरी लाइफ (स्टैंडबाय): 20 घंटे
  • ऑपरेटिंग टेम्परेचर: -45°C से 55°C
  • प्रोटेक्शन रेटिंग: IP67 (डस्टप्रूफ और वाटर-रेसिस्टेंट)
  • प्रोसेसर: NVIDIA Xavier

ये mules केवल दिखावे के लिए नहीं हैं। ये सीढ़ियां चढ़ सकते हैं, ढलानों को पार कर सकते हैं, और मलबे के ढेर में भी अपना रास्ता खोज सकते हैं। इनमें night vision cameras, thermal sensors, और robotic arms जैसे एडवांस फीचर्स शामिल हैं।

77वें Army Day पर दिखा गर्व और पराक्रम

इस बार का Army Day खास था। पहली बार पुणे में परेड आयोजित हुई और इतिहास बना। आठ अलग-अलग रेजिमेंटल सेंटर्स ने अपने जौहर दिखाए, और नई तकनीक से लैस हथियार और वाहन भी प्रदर्शित किए गए। परेड में सेना का आदर्श वाक्य “Service Before Self” हर तरफ गूंज रहा था।

Know Your Army Mela में तकनीकी प्रगति को दिखाने के साथ-साथ Women Agniveer Contingent ने भी हिस्सा लिया। इस आयोजन ने न केवल सेना की समावेशिता और शक्ति को उजागर किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि हमारी सेना हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।

इतिहास और भविष्य का संगम

Army Day Parade सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा पल था, जिसने भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य को जोड़ने का काम किया। 1949 में Field Marshal KM Cariappa के पहले भारतीय Commander-in-Chief बनने की याद दिलाते हुए इस दिन ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया।

इस बार का Army Day न केवल देशभक्ति का उत्सव था, बल्कि यह दिखाने का एक तरीका भी था कि हमारी सेना किस तरह तकनीक और ताकत के मेल से अपने लक्ष्य को हासिल कर रही है। रोबोटिक म्यूल्स ने साबित कर दिया कि भारतीय सेना केवल परंपराओं की रखवाली ही नहीं करती, बल्कि भविष्य को भी गढ़ रही है।

भविष्य का भारत, भविष्य की सेना

Army Day 2025 ने साफ कर दिया कि आने वाले समय में भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है। ये Robotic mules और उनकी क्षमताएं दिखाती हैं कि सेना अब केवल हथियारों तक सीमित नहीं, बल्कि नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

जब Robotic dogs और सेना के पराक्रमी जवान एक साथ कदमताल करते हैं, तो पूरा देश गर्व से कहता है।

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