Part 1 में हमने जाना Ratan Tata की inspiring life journey और Army के प्रति उनके contributions के बारे में। लेकिन Tata Group और Indian Army का रिश्ता Ratan Tata से कहीं पुराना और गहरा है, जो देशभक्ति, समर्पण और कर्तव्य को दर्शाता है। जब हम Tata और Indian Army की बात करते हैं, तो ये एक आम company और armed forces का रिश्ता नहीं, बल्कि देश के प्रति एक अटूट वादा और प्रेम है, जो दशकों से चला आ रहा है।
Jamshedji Tata ने 1868 में Tata Group की नींव सिर्फ एक बिजनेस के रूप में नहीं, बल्कि देश की सेवा के विचार से रखी थी। उनका मानना था कि भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्योगों की ज़रूरत है, जो सिर्फ पैसा कमाने तक सीमित न रहकर समाज की भी सेवा करें। यही सोच Tata Group को Indian Army के और करीब ले गई।
अब देखिए, जब देश आज़ाद हुआ, तो Tata Group ने Indian Army के लिए अपनी हर तरह की मदद को खुलकर आगे बढ़ाया। Tata Steel ने देश की सेना को मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी steel उपलब्ध करवाना शुरू किया। सोचिए, ये वही steel था जिसने हमारे देश की रक्षा को और मज़बूत किया और विदेशी सामान पर निर्भरता को घटाया। इस तरह Tata Group ने देश की आत्मनिर्भरता में अपना योगदान दिया।
फिर आया वो समय जब देश को सच में Tata Group जैसे साथी की ज़रूरत थी। 1962 में India-China war हुआ, फिर 1965 और 1971 में India-Pakistan war हुआ। इन सभी युद्धों के दौरान Tata ने Army की मदद में अपना सब कुछ लगा दिया। Tata Chemicals, Tata Steel और Tata Motors ने अपनी प्राथमिकताएं बदलकर Army की आवश्यकताओं को पूरा किया। Tata Motors ने Army के लिए ज़रूरी गाड़ियां उपलब्ध करवाईं, जो मुश्किल हालातों में भी टिक सकें। Tata Chemicals ने अपनी chemical supplies भेजीं और Tata Steel ने मज़बूत steel देकर सेना को हर तरह से तैयार किया।
1950 के दशक से ही Tata Motors ने Army के लिए खास वाहनों का निर्माण करना शुरू कर दिया था। अब देखिए, Army Tanks, All Terrain Vehicles, Mine Protected Vehicles (MPV) और Light Combat Vehicles (LCV) जैसे vehicles को Army के हिसाब से बनाया गया, जो कठिन इलाकों में भी उपयोगी साबित हुए। खासकर जम्मू-कश्मीर और अन्य संवेदनशील इलाकों में, जहां हमारी Army के जवान इन vehicles की मदद से operations को अंजाम दे पाए।
फिर Tata Group ने science और technology के क्षेत्र में भी Indian Army का साथ दिया। 1945 में Tata Institute of Fundamental Research (TIFR) की स्थापना की गई, जिसने Indian Army के साथ मिलकर Computing, Nuclear Research, और अन्य defence technologies में research किया। इससे Army की तकनीकी क्षमताएं बढ़ीं और देश की सुरक्षा में Tata Group ने एक और अहम योगदान दिया।
लेकिन Tata Group की मदद यहीं तक सीमित नहीं रही। Modern Defence Equipment बनाने के लिए Tata Power (SED) और Tata Advanced Systems Limited (TASL) जैसे divisions स्थापित किए गए। Tata Power (SED) ने Army के लिए Radar Systems, Missile Systems और Surveillance equipment बनाए। वहीं, TASL ने Aerospace और Defence sectors में आधुनिक उपकरणों का निर्माण किया, जिससे Army की ताकत और बढ़ी।
1999 में जब Kargil War हुआ, तो Tata Group ने शहीदों के परिवारों के लिए Tata Memorial Trust की स्थापना की। इस trust ने उन families को financial aid, scholarships, और health services प्रदान कीं, जिनके अपनों ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर की। ये Tata Group का way था उन परिवारों के प्रति अपने आभार को व्यक्त करने का।
इसके अलावा, Tata Group ने Army के cantonment क्षेत्रों में community development के कई initiatives भी लिए। Tata Institute of Fundamental Research ने Army के बच्चों के लिए scholarship programs भी शुरू किए ताकि वो भी अपने सपनों को पूरा कर सकें। ये initiatives Tata की ओर से Army families के बेहतर भविष्य की एक बुनियाद रख रहे हैं।
अब अगर health sector की बात करें, तो Tata Memorial Centre ने Army के परिवारों को अपने cancer treatment और research services उपलब्ध कराईं। इसके अलावा Tata Group ने कई health camps भी आयोजित किए ताकि जवानों और उनके परिवारों को अच्छी health services मिल सकें।
Tata Group और Indian Army का ये रिश्ता सच्ची देशभक्ति और एक मजबूत कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। Tata ने हमेशा अपने resources को Army और देश के प्रति समर्पित किया है। इस तरह Army के साथ खड़ा होना Tata Group के लिए एक business initiative नहीं, बल्कि उन वीर सैनिकों के प्रति एक सम्मान का तरीका है जो हमारी सुरक्षा के लिए हर पल अपनी जान की बाज़ी लगाते हैं।
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जय हिंद!
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